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 सब्जियों में शिमला मिर्च बहुत ही अधिक सुंदर और देखने में बहुत ही आकर्षक होती है शिमला मिर्च कई तरह की होती है जैसे ग्रीन येलो रेड आदि इन्हें विभिन्न नामों से जाना जाता है इसका फल दिखने में बहुत ही सुंदर होता है मोटा होता है इसमें हल्का तीखापन पाया जाता है इसमें विटामिन ए और विटामिन सी की मात्रा होती है यह बहुत अधिक दिखी नहीं होती इसलिए इसका प्रयोग इसकी सब्जी बनाने के लिए भी होता है बाजार में आजकल पिज़्ज़ा बर्गर आदि में शिमला मिर्च का बहुत अधिक मात्रा में प्रयोग होता है और खास बात यह है कि यह बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पसंद की जाती है

दोस्तों आज हम बात करेंगे शिमला मिर्च की खेती कैसे की जाती है और उसकी क्या-क्या तकनीकी है

किसान भाइयों शिमला मिर्च की खेती वैसे तो पूरे भारत में की जाती है और पंजाब झारखंड उत्तर प्रदेश कर्नाटक मध्य प्रदेश महाराष्ट्र आदि राज्यों में शिमला मिर्च की खेती की जाती है

शिमला मिर्च की खेती करना बहुत ही आसान है इसमें कुछ विशेष मशीनों या बहुत अधिक लागत की जरूरत नहीं पड़ती शिमला मिर्च की खेती करने के लिए हमें जमीन को अच्छे से तैयार करना होता है और अच्छी तरह का बीज या अच्छी किस्म का बीज जो बाजार में आसानी से उपलब्ध है हमारे देश में शिमला मिर्च की खेती के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा कई कई कई किस्में कई उन्नत किस्में बनाई है जिनका उपयोग करके हम शिमला मिर्च की खेती अपने क्षेत्र में कर सकते हैं और लाभ प्राप्त कर सकते हैं यह शिमला मिर्च की खेती ज्यादा समय नहीं लेती तीन से चार महीनों में ही यह हमें अच्छा खासा लाभ दे देती है शिमला मिर्च की खेती के लिए हमें बहुत अधिक पूंजी की आवश्यकता नहीं पड़ती और ना ही इसके लिए कि नहीं विशेष जलवायु की आवश्यकता होती है जैसे ना ज्यादा ठंड ना ज्यादा गर्मी यह सामान्य भारत के वातावरण में आसानी से हो जाती है

अब हम बात करेंगे कि भूमि का चयन कैसे करें?

शिमला मिर्च की खेती के लिए हमें दोमट मिट्टी काली मिट्टी बलुई मिट्टी या जो हमारे आसपास मिट्टी पाई जाती हैं सभी मिट्टियों में शिमला मिर्च की खेती की जा सकती हैशिमला मिर्च की खेती के लिए भूमि का पीएच मान 6:00 या 6:50 के आसपास होना चाहिए इससे ना अधिक और ना  कम होना चाहिए जब मिट्टी में अधिक खाद व पौधे के लिए पर्याप्त पोषक तत्व होंगे तो यह अच्छी तरह से पैदा होगी उसके लिए हमें अपने खेत में क्यारिया बना लेना चाहिए या एक तरह से बेड बना लेना चाहिए जैसा कि हम स्ट्रॉबेरी आदि की खेती के लिए बेड बनाते हैं खेत हमारा अच्छी तरह से जुता होना चाहिए 

शिमला मिर्च की खेती का सही समय?

शिमला मिर्च की खेती के लिए जून-जुलाई ,अगस्त -सितंबर ,नवंबर -दिसंबर के आसपास का समय अच्छा माना जाता है वह पौधा रोपाई के लिए हम हैं जुलाई-अगस्त, सितंबर  - अक्टूबर, दिसंबर से फरवरी के बीच पौधे की रोपाई कर देना चाहिए

शिमला मिर्च की विभिन्न उन्नत किस्में 

अरका गौरव, अर्का मोहनी, हरि रानी, पूसा दीप्ति, ग्रीन गोल्ड, हीरा, इंदिरा, कैलिफोर्निया वंडर ,बसंत आदि है

शिमला मिर्च की नर्सरी तैयार कैसे करें ?

शिमला मिर्च की नर्सरी तैयार के लिए करने के लिए हमें बाजार में विभिन्न तरह की ट्रेन मिल जाती हैं जिनमें हम गोबर की खाद और मिट्टी से भरकर उनमें शिमला मिर्च की नर्सरी तैयार कर सकते हैं

या हम 3 गुना 1 मीटर आकार की जमीन से थोड़ी सी ऊपर उठी क्यारियां बनाकर भी हम उनमें शिमला मिर्च की नर्सरी तैयार कर सकते हैं इसके लिए हम पहले से ही मिट्टी में अच्छी तरह गोबर का खाद और मिट्टी को भुरभुरी बनाकर उसमें शिमला मिर्च की नर्सरी तैयार कर सकते हैं इसके बाद हम 1 ग्राम वाले स्टिंग को 1 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर देंगे 1 किलो बीज एक हेक्टेयर खेत में लगाने के लिए पर्याप्त होते हैं बीज को बोने से पहले हम थाई राम कैप्टन या फिर भावेश 3 के ढाई ग्राम 1 किलो बीज के हिसाब से बीज उपचार कर देंगे और इन्हें लकड़ी या फिर कुदाली की सहायता से एक से डेढ़ सेंटीमीटर के बीच वो देंगे ज्यादा पास हम बीजों को नहीं रखेंगे अन्यथा पौधे पास पास पैदा होंगे और अच्छी तरह विकसित नहीं हो पाएंगे यह हमें ध्यान रखने योग्य बातें की मिट्टी में किसी भी तरह का कचरा पॉलिथीन आदि ना हो मिट्टी साफ-सुथरी हो उसमें गोबर की खाद के अलावा और अन्य कोई कचरा या कोई पौधों के अवशेष ना हो उसके बाद हम अच्छी तरह सिंचाई कर देंगे और समय-समय पर पानी देकर नर्सरी को तैयार कर लेंगे

नर्सरी का रोपण कैसे करें?

जब हम शिमला मिर्च के छोटे-छोटे पौधों को रोपण करने के लिए तैयारी कर रहे हैं उसके लिए हम थोड़ा-थोड़ा क्यारियों में पानी डाल लेंगे जिससे पौधे आसानी से निकल जाए उसके बाद हम पौधों को क्यारियों में लगा देंगे जो हमने खेत तैयार करते समय बनाई है इनको लगाने के बाद हम पानी देंगे क्योंकि खेत सुखा हो सकता है ध्यान रखने योग्य बात यह है कि हमें पौधे का रोपण करने के तुरंत बाद ही पानी देना चाहिए जिससे root अच्छी तरह से पानी सोख ले

सिंचाई व्यवस्था

मिर्च की खेती करने के लिए हमें पानी की विशेष व्यवस्था कर लेना चाहिए इसमें अधिक पानी और ना कम पानी देने से हमें नुकसान उठाना पड़ सकता है इसीलिए हमें ऐसी व्यवस्था करना चाहिए कि हम शिमला मिर्च की खेती में पर्याप्त मात्रा में सिंचाई कर सकें इसके लिए हम चाहें तो ड्रिप सिंचाई का प्रयोग कर सकते हैं या फिर हम स्प्रिंकलर से भी सिंचाई कर सकते हैं शिमला मिर्च की खेती के लिए हमें 10 से 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी ही पड़ती है नहीं तो फसल सूखने लगती है और फिर रोग भी हो सकते हैं 



निराई एवं गुड़ाई कैसे करें?

शिमला मिर्च की खेती में निराई गुड़ाई बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण होती नहीं तो फसल में कचरा अधिक होता है पहली निराई गुड़ाई हमें पौधे रोकने के 25 दिन से 30 दिन में कर लेनी चाहिए तथा दूसरी निराई गुड़ाई कम से कम 45 दिन करवा देना चाहिए पौधे को वह पढ़ने के बाद हमें 20 से 25 दिन तक यह ध्यान रखना चाहिए कि उस पर दोबारा मिट्टी चढ़ा दी जाए क्योंकि पौधा मजबूत होता है और अच्छा फल देता है और समय-समय पर खाद आदि भी डालना चाहिए

रोग एवं कीट नियंत्रण कैसे करें?

शिमला मिर्च में लगने वाले कीट एवं रोग जिनमें से हम मुख्य रूप से माहू, सफेद मक्खी ,मकड़ी आदि प्रमुख रूप से हैं और भी वायरस जनित रोग एवं देखे जाते हैं 

पर्ण कुंजन -इस रोग में 32 से कूदकर छोटे हुए आते हैं साथ ही इसके पत्ते हरे एवं भूरे रंग के हो जाते हैं इस रोग की रोकथाम के लिए हमें 10 ग्राम कार ब्यूरॉन 3g को प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से भूमि में फैला दें

जीवाणु उकटा- इस रोग से फसल मर जा कर सूखने लगती है इस रोग से बचाव करने के लिए हमें 15 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर को प्रति हेक्टेयर हिसाब से पूरे खेत में फैला देना चाहिए

और भी अन्य लोग शिमला मिर्च में लगते हैं इसके लिए हम कृषि विशेषज्ञों की सलाह ले सकते हैं और खाद पाउडर आदि की दुकानों पर भी विचार विमर्श ले सकते हैं

फलों की तुड़ाई 

शिमला मिर्च की उन्नत किस्मों की पैदावार 150 से 250 क्विंटल के आसपास एवं संकर किस्में की पैदावार 250 से 400 क्विंटल के आसपास प्रति हेक्टेयर में होती है जैसे कम या ज्यादा हमारे रखरखाव पर भी निर्भर होता है फलों की चौड़ाई हम 60 से 70 दिनों के बाद प्रारंभ कर सकते हैं और 90 से 120 दिन तक इसकी फलों की लड़ाई चलती है

बाजार भाव

शिमला मिर्च की बाजार भाव हमेशा ऊंचे ही होते हैं या ₹20 प्रति किलो से कम दामों पर बहुत ही कम मिलती है यह हमेशा 50 से ₹60 किलो के आसपास ज्यादा बिकती है और बाजार घटता बढ़ता भी रहता है हमारे आस पास के बाजार भाव से ही हम इसकी सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं

शिमला मिर्च 4 से 5 दिनों तक आसानी से रखी जा सकती है उसके बाद इसको रखने से हमें बाजार में अधिक मूल्य नहीं मिलेगा इसलिए हम तुरंत ही इस को तोड़कर बाजार में बेचते हैं जिससे हमें अच्छी फसल के दाम मिल जाएं क्योंकि यदि फल चमकदार और सुंदर होगा तो उसका मूल्य भी व्यापारी अधिक देगा 

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